हनुमान जी मंदिर: नगर पंचायत परिसर
श्री हनुमान जी मंदिर का निर्माण राजा द्वारा कराया गया था, जो लगभग 300 साल प्राचीन है तथा आज नगर पंचायत नवागढ़ परिसर में स्थित है । कहा जाता है कि मां महामाया देवी, श्री गणेश जी, और श्री हनुमान जी तीनो मंदिर का निर्माण राजा द्वारा तांत्रिक विद्या सिद्धी हेतु कराया गया था ।पहले इस स्थान के चारों ओर एक बहुत बड़ा परकोटा था तथा दीवाल से घिरा हुआ आहाता था। इस स्थान पर एक भी था, जिसे ''हनुमान अखाड़ा'' कहा जाता था। उस अखाड़े मे प्रतिदिन कुश्ती का अभ्यास होता था।
कहानी - श्री सुरेन्द्र कुमार चौबे जी बताते है कि सन 1968 की ठंड की रात में जब वे मंदिर के दरवाजे में पूजा करने के लिए प्रवेश कर रहे थे, तो एक 22 साल का युवक उनसे 7 भाषाओं में बात करता था। वे जैसी ही परिचय प्राप्त करने को उधत हुए, उन्हें पूजा करने के बाद परिचय का वचन दिया। जब चौबे जी आरती पूजा करके बाहर निकले तो एक नोट कागज में लिखी हुर्इ थी कि मंदिर का उद्धार अति आवश्यक है।
तत्पश्चात साथियों के प्रयास से मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए एक बजरंग सेवा समिती का गठन किया गया, जिसके 100 सदस्य बने, जिसमें 10रू. मासिक अनुदान तय किया गया । नियमित पुजारी के रूप में स्व पंडित श्री सोहम प्रसाद उपाध्याय को नियुक्त किया गया था, अब उनके पुत्र मंदिर में पूजा अर्चना करते है ।
तब मंदिर का अल्प जीर्णोद्धार ही हो पाया था, हनुमान जी की मूर्ति अपने स्थान पर आज भी ज्यों कि त्यों स्थित है, तथा आजपूर्ण रूपेण मंदिर का जीर्णोद्धार हो गया है । वह संत जो अमर संदेश देकर गया था, 26 साल बाद पुन: हनुमान जी के दर्शन कर गदगद हो गए ।
हनुमान जी की यह मूर्ति जाग्रत अवस्था में है।मंगलवार और शनिवार को भक्तजन मंदिर में भजन कीर्तन करते हैं तथा यहाँ शाम सबेरे दोनों वक्त पूजा अर्चना होती है। मनौती बनाने पर हर कार्य सिद्ध होता है।इसी तरह इस ग्राम नवागढ़ के सभी देवी देवताओं की मूर्तियां सिद्ध है, जिनकी असीम कृपा से हमारा ग्राम नवागढ़ सुख शांति से अपने गांव के महिमा को मंडित कर रहा है ।{2}
हनुमान जी मंदिर -शासकीय अस्पताल
शासकीय अस्पताल में कर्मचारी मिलकर श्री हनुमान जी का मंदिर 2003 में बनवाए हैं।{1}
हनुमान जी मंदिर-शुकुल पारा
यह मंदिर बहुत पुराना है,पूर्व मूर्ति खंडित होने पर श्री सुशील धर दीवान मूर्ति का पुनः स्थापना कराएं हैं, यह भी मूर्ति बहुत सिद्ध है, लोगों का मनोती पूरा होता है यहां भी समय-समय पर भजन कीर्तन होता है, हनुमान जी का पूजा कौशल धर दीवान सुबह शाम करते हैं। यह मंदिर गिरिजा बंद तालाब के पूर्व पार में बना है।{1}
राम मंदिर परिसर
श्री राम मंदिर परिसर में राम जी के सामने पूर्व में गरुड़जी,पश्चिम में हनुमान जी की मूर्ति है। इसके आलावा राम जी के सम्मुख हनुमान जी का छोटा सा मंदिर है, साथ ही राम मंदिर परिसर में स्थित शिव मंदिर व राधाकृष्ण मंदिर में भी हनुमान जी की मुर्तिया स्थापित है ।{1}
श्री गणेश जी मंदिर परिसर
श्री गणेश जी मंदिर परिसर के सभामंडप में हनुमान जी की मूर्ति स्थापित की गयी है, बता दे कि ये वही हनुमान जी की मूर्ति है , जो पूर्व में श्री गणेश मंदिर के सामने स्थित थी तथा गणेश मंदिर के जिर्णोद्धार के समय जब इस मंदिर हो हटाया गया तो इसी के निचे अष्टकोणीय कुण्ड व उसमे जाने के लिए सीढ़ी निकला था।
पंचमुखी हनुमान जी- बिजली आफिस
सन 2010 में बिजली ऑफिस में दो मंजिला मंदिर बनवाया गया है, जिसमें स्टाफ वालों ने ऊपरी मंजिल में दिनांक 13/07/2010 आषाढ शुक्ल द्वितीया को पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित की है ।{1}
जुड़ावन बंद तालाब के किनारे
जुड़ावन बंद तालाब के किनारे हनुमान जी की मूर्ति स्थापित है।{1}
चांदाबन तालाब के किनारे
चांदाबन तालाब के पार में पहले इमली झाड़ के पास देवी का चबूतरा था, बाद में जिसे चंदा कर तथा ट्रक वाले ईटा, पत्थर, रेती, गिट्टी लाते तो, वहाँ हर ट्रिप में गिराया करते थे, मुरता वाले भी बहुत सहयोग देकर मंदिर एवं कलश ,ज्योति कक्ष एवं हनुमान मंदिर बनवाए।{1}
मानाबंद तालाब के किनारे
गायत्री देवी एवं शीतला देवी के मंदिरो के बीच में बिहारी बाबा की समाधि है। समाधी से लगा हुआ हनुमान जी की पंचमुखी मूर्ति राम जानकी, लखन, गणेश जी और साई बाबा की मूर्ति ओंकार ताम्रकार द्वारा मंदिर निर्माण कर मूर्ति का स्थापना कराया गया है।{1}
नया तालाब के किनारे
नया तालाब के किनारे में हनुमान जी का छोटा सा मंदिर रामचंद ध्रुव जी ने बनवाया है।{1}
मांगन बंद तालाब के दक्षिण पार
मांगन बंद तालाब के दक्षिण पार में पंचमुखी हनुमान जी की मूर्ति बनवाई हैं, जिसका निर्माण सन 2013 में हुआ।{1}
दाऊ बंद तालाब के पार
भगनाबंद तालाब के पूर्व भाग में
भगनाबंद तालाब के पूर्व भाग में पंडित सहदेव दुबे द्वारा दक्षिणमुखी श्री हनुमान जी का मंदिर 2014 में बनाया गया है।{1}
थाना परिसर में
दिनांक 22 साल 2016 हनुमान जयंती के दिन शुक्रवार को हनुमान जी का प्राण प्रतिष्ठा किया गया।{1} स्रोत -
{1}रामनाथ ध्रुव जी
{2} सुरेंद्र चौबे जी