प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी स्वामी विवेकानंद विद्यालय प्रांगण में "होली-उत्सव" का आयोजन किया गया।
की गयी एक नयी परंपरा की शुरुआत
रंगों के त्यौहार "होली" के इस अवसर पर एक नई शुरुआत करते हुए विद्यालय की शिक्षिकाओं व छात्राओं के द्वारा विद्यालय प्रांगण में "होलिका" की पूजा-अर्चना कर होलिका जलाई गयी....इसके माध्यम से लोगों को यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि जिस-जिस स्थान पर भी "होलिका दहन" किया जाता है...वह स्थान इतना स्वच्छन्द हो कि उसमें हमारी माताएँ-बहनें भी शामिल हो सके..और होली का यह पावन अवसर और भी पवित्रता के चरमोत्कर्ष पर पहुँचे...ऐसी कामना की गयी..!
रंगों के त्यौहार "होली" के इस अवसर पर एक नई शुरुआत करते हुए विद्यालय की शिक्षिकाओं व छात्राओं के द्वारा विद्यालय प्रांगण में "होलिका" की पूजा-अर्चना कर होलिका जलाई गयी....इसके माध्यम से लोगों को यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि जिस-जिस स्थान पर भी "होलिका दहन" किया जाता है...वह स्थान इतना स्वच्छन्द हो कि उसमें हमारी माताएँ-बहनें भी शामिल हो सके..और होली का यह पावन अवसर और भी पवित्रता के चरमोत्कर्ष पर पहुँचे...ऐसी कामना की गयी..!
बुराई छोड़ने लिया गया संकल्प
बच्चों व शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मंत्रोच्चारण के साथ "होलिका" के समक्ष अपनी-अपनी एक बुराई छोड़ने का संकल्प लिया।
बच्चों व शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मंत्रोच्चारण के साथ "होलिका" के समक्ष अपनी-अपनी एक बुराई छोड़ने का संकल्प लिया।
सर्वप्रथम विद्यालय के समस्त शिक्षक-शिक्षिकाओं के द्वारा होली त्यौहार से जुड़ी विभिन्न बातों से सभी बच्चों को अवगत कराया गया। साथ ही सभी बच्चों को यह निर्देश भी दिया गया कि होली के इस पावन पर्व पर दूसरों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए होली मनाये।
वार्षिक परीक्षा ख़त्म होने के बाद बच्चों में हर्ष और ख़ुशी की लहर चल पड़ी है। विद्यालय में आयोजित "होली उत्सव" कार्यक्रम में बच्चों ने विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ मिलकर होली मनायी।