दुख के हाथी मुड़ मा बइठे
कइसे बिताववं रात
टुकुर-टुकुर बादर ला देखत
ढलगे हवं चुपचाप
न रोग-राई हे न प्रेम रोग हे
मैं तो बेटी के बाप
कोन सुनही काला सुनावंव
अपन मन के बात
जतका मोरे चद्दर रहिस हे
ततका पांव मारेंव
चिरई कस चुन-चुन दाना
ओखर मुह मा डारेंव
बेटी-बेटा एक मान के
पढाय लिखाय हंव घात
कइसे कहंव अपन पीरा ल
मिलय न टुरा अइसे
पढ़े-लिखे गुणवान हो
मोरे नोनी हे जइसे
पढ़ई-लिखई छोड़-छोड़ के
टुरा दारू म गे मात
जांवर-जीयर बिन बिरथा हे
नोनी के बुता काम
दूनो चक्का एक होय म
चलथे गाड़ी तमाम
आंगा-भारू कइसे फांदवं
लाके कोनो बरात
कइसे बिताववं रात
टुकुर-टुकुर बादर ला देखत
ढलगे हवं चुपचाप
न रोग-राई हे न प्रेम रोग हे
मैं तो बेटी के बाप
कोन सुनही काला सुनावंव
अपन मन के बात
जतका मोरे चद्दर रहिस हे
ततका पांव मारेंव
चिरई कस चुन-चुन दाना
ओखर मुह मा डारेंव
बेटी-बेटा एक मान के
पढाय लिखाय हंव घात
कइसे कहंव अपन पीरा ल
मिलय न टुरा अइसे
पढ़े-लिखे गुणवान हो
मोरे नोनी हे जइसे
पढ़ई-लिखई छोड़-छोड़ के
टुरा दारू म गे मात
जांवर-जीयर बिन बिरथा हे
नोनी के बुता काम
दूनो चक्का एक होय म
चलथे गाड़ी तमाम
आंगा-भारू कइसे फांदवं
लाके कोनो बरात