वृद्धाश्रम जाने का,
लक्ष्य बनाए
एक वृद्ध माँ को,
वृद्धाश्रम छोड़ने,
जा रहे बेटे से,
उसकी मां ने कहा
बेटा!
मेरी चिंता,
बिल्कुल मत करना,
अपनी पत्नी का,
खयाल रखना,
ऑफिस से जल्दी,
घर आ जाना,
समय पर खाना,
खा लेना,
बहू को घुमाने ले जाना,
बेचारी ने मेरी,
सेवा करते करते,
खुद पर ध्यान,
नहीं दे पायी,
हाँ, अगर कभी,
समय मिले तो,
मेरे पोते को,
मुझे दूर से दिखा देना,
हाँ एक बात और,
मेरी चिता को अग्नि,
तू ही देना नहीं तो,
मुझे मुक्ति,
नहीं मिलेगी,
माँ की बांतों के,
प्रत्युत्तर में,
बेटे के पास,
कोई शब्द नहीं थे।
जब बेटा,
वृद्धाश्रम पहुंचा,
तो उसने सैकड़ों,
वृद्ध माता-पिता को देखा,
वह निःशब्द था,
अपने लक्ष्य को पाकर।
20 April 2018
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