हमरो तो सुन ले एक बार रमन,
पोठलगहा करत गोहार हमन,
अब तो बस आर-पार होवन दे,
नक्सली के धनिया हमू ल बोवन दे,
जंगल भीतरी एकसरूवा जान दे,
थोरकिन लहू हमरो बोहान दे,
एक कन माटी लागा छूटे तो देवन दे,
शहादत के मजा हमू ल लेवन दे,
ईमान से तोला निराश नई करन,
लादी-पोटा छरियाही तभो नई टरन,
मर के घला हमला सुकून मिलही,
मान जा रमन, तहूँ ल बड़ पून मिलही।
13 March 2018
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