धान से ज्वैलरी बनाने की कला सिखाने विद्या मार्को जी व पार्वती टेकाम जी का कलागुरु रूप में आकार शिविर में नवागढ़ में आगमन हुआ है, ये बिलासपुर से हैं।
छ. ग. हस्तकला शिल्प विभाग से ये रजिस्टर्ड हैं। दिल्ली प्रगति मैदान की कला आकृति की प्रदर्शनी में इन्होंने भाग लिया था। पहले भी बिलासपुर, रायपुर एवं अन्य जगहों पर आकार शिविर में ये प्रशिक्षण दे चुकी हैं तथा हस्तकला शिल्प विभाग को आर्डर से जवैलरी दिया जाता है।
धान से ज्वैलरी बनाने की प्रक्रिया-
1. पहले HMT धान को एसिड में डालकर उबाला जाता है।
2. उबलने के बाद सूखा दिया जाता है, जब तक यह सफ़ेद न हो जाए, इसका उपयोग ज्वैलरी बनाने में किया जाता है।
3. ज्वैलरी बनाने के लिए ज्वैलरी के आकार का कड़ा पुट्ठा काटा जाता है, जिस पर सामान साइज के धान को पसंद के अनुसार जमाया जाता है।
4. बैच बनाने के लिए पहले बड़ा गोलाकार आकृति बनाई जाती है, उस पर धान को जमाया जाता है, जब जगह पूरी तरह से भर जाती है, तो तो उस पर रंग चढ़ाया जाता है।
5. सूखने के बाद सभी को साइज के हिसाब से चिपकाया जाता है, फिर रिबन, पिन और बकरम को चिपकाया जाता है।