नवागढ़ गोड़वानों का जान, राजा रहे महान ।। टेक ।।
नरहर शाह नाम थे उनके, सुंदर रुप गुण बलवान ।
कीला के निशान दिखत हे, बाकी रहे बीरान ।।
नरहर शाह नाम थे उनके, सुंदर रुप गुण बलवान ।
कीला के निशान दिखत हे, बाकी रहे बीरान ।।
आदि भवानी मानाबन्द में, ठाकुर देव भगवान ।
गांव की रक्षक भैरव बाबा, महावीर हनुमान ।।
गांव की रक्षक भैरव बाबा, महावीर हनुमान ।।
जगह जगह तालाब बने है, हर में देव् स्थान ।
मंदिर मस्जिद अरु गुरुद्वारा, हर मजहब का बसे महान ।।
मंदिर मस्जिद अरु गुरुद्वारा, हर मजहब का बसे महान ।।
भाईचारा अरु मर्यादा, यही खास पहचान ।
क्या वर्णन मै करौ नवागढ़, जानै सकल जहान ।।
क्या वर्णन मै करौ नवागढ़, जानै सकल जहान ।।
शिर झुका के घुसो शिर झुकाके निकलो, ऐसे मन में ठान ।
चारो दिशा में मंदिर देवाला, धर ले मन में ध्यान ।।
चारो दिशा में मंदिर देवाला, धर ले मन में ध्यान ।।
दुर्ग जिला के न्याय पंचायत नयागढ़, प्रथम रहा स्थान ।
ऐसे न्याय करते थे नारायण धर दिवान ।।
ऐसे न्याय करते थे नारायण धर दिवान ।।
साधु पंडित जो कोई आवै, कहै सुनै पुरान ।
भाव सहित सम्मान करै, बुटूधर दिवान ।।
भाव सहित सम्मान करै, बुटूधर दिवान ।।
पेटी तबला और मंजीरा, चिकारा से गान ।
बुटेश्वर धर माधोसिंह ठाकुर, पंडित गजानन्द विद्वान् ।।
बुटेश्वर धर माधोसिंह ठाकुर, पंडित गजानन्द विद्वान् ।।
दूर दूर के रोगी आवै, अपन बचावै प्रान ।
डॉक्टर शर्मा दिवान चौधरी, सुन कर करै निदान ।।
डॉक्टर शर्मा दिवान चौधरी, सुन कर करै निदान ।।
फागुन महीना सुन्दर चौबे, अच्छे करै बखान ।
कानून में बनवारी बाबू, अच्छे रहै सुजान ।।
कानून में बनवारी बाबू, अच्छे रहै सुजान ।।
म.प्र. में नवागढ़ ग्राम पंचायत, तीसरा रहा स्थान ।
अच्छे काम कर दिखाये, ईश्वर धर दिवान ।।
अच्छे काम कर दिखाये, ईश्वर धर दिवान ।।
बड़े मजाकी नरहर भंगू, और पदुम को जान ।
धरनीधर बावनधर दिलेसर चौबे, दुर्गादत्त ये थे धनवान ।।
धरनीधर बावनधर दिलेसर चौबे, दुर्गादत्त ये थे धनवान ।।
आते जाते मुझे समझाते, पटवारी हिम्मत खान ।
अपन समय के बात बतावै, देवै अच्छा ज्ञान ।।
अपन समय के बात बतावै, देवै अच्छा ज्ञान ।।
दसहरा मनाने हमर गांव में, आसपास सब देखन आवै ।
काली बने गैंदलाल जी, महिषासुर बने सुदर्शन अच्छा रोल दिखावै ।।
काली बने गैंदलाल जी, महिषासुर बने सुदर्शन अच्छा रोल दिखावै ।।
ज्योतिष में पंडित मथुरा प्रसाद ।
भागवत पुरान में पंडित जगन्नाथ विद्वान् ।।
भागवत पुरान में पंडित जगन्नाथ विद्वान् ।।
सीधा में सन्तराम क्रोध में बद्रीप्रसाद सेवा में सुखीराम चौहान ।
बातो में तुकाराम, चुटकिला में गुलाबखांन ।।
बातो में तुकाराम, चुटकिला में गुलाबखांन ।।
फुलझड़ी में अमोलक चन्द, रहीसी में शंकर दत्त को जान ।
वैद में कामता वृंदा गजानन्द शोभराय, शिवलाल नसीब मोहम्मद को जान ।।
वैद में कामता वृंदा गजानन्द शोभराय, शिवलाल नसीब मोहम्मद को जान ।।
संगीत में लक्ष्मीनाथ प्रभुदास मोहना, भंगू शिवदत्त रामगोपाल को जान ।।
पिता हमारे जिलेराम, नाना पुरुषोत्तम जान ।
भजन भाव वह खूब बतावै, अच्छे रहे सुजान ।।
भजन भाव वह खूब बतावै, अच्छे रहे सुजान ।।
काम बात पर कभी न पीछे, रखे नवागढ़ शान ।
साथी हमारे बड़े सजीले, भोला सरजू और सुभान ।।
साथी हमारे बड़े सजीले, भोला सरजू और सुभान ।।
काम सिखाये बिपत बहादुर, और गुरु रहमान ।
रामनाथ सन्त संगत कर के, सीखे सब से ज्ञान ।।
रामनाथ सन्त संगत कर के, सीखे सब से ज्ञान ।।