देशहित के चलते देखो,
हो रहे कई काम,
फिर भी आतुर राजनीति,
करने को बदनाम,
व्यर्थ बातों में धरने देते,
मुद्दे सबके आडम्बर,
ज्वलंत समस्या पड़ी हुई है,
अकुलाती सी जर्जर।।
हो रहे कई काम,
फिर भी आतुर राजनीति,
करने को बदनाम,
व्यर्थ बातों में धरने देते,
मुद्दे सबके आडम्बर,
ज्वलंत समस्या पड़ी हुई है,
अकुलाती सी जर्जर।।