चल पतरी सकेलबो,
कोकड़ा भगत मन खा डरिन,
उंखर जूठा ल मेलबो। चल...
बपरा मन जनता सेवा के नंगाारा,
मर-मर के बजावत हें,
अपन जी-छुट्टई के बजार म,
पूरा देस ल सजावत हे,
जांगरचोट्टा मन के बोझा ल,
मर-मर के झेलबो। चलकृ
ए डिलवा ले ओ डिलवा,
योजना ल गोहराहीं,
तोर करम के पाबे,
अपन भाग सहराहीं,
जम्मों राज खाके हावे भुखमर्रा,
तिखर बर रोटी बेलबो। चल...
अधरे-अधर एमन रेवड़ी बांटत हें,
अधिकारी ल देखबे त,
सादा कुरथा के तरूवा चाटत हे,
अरे! अपन बनही पगरइत,
अउ रेगड़ी ल हमन पेलबो। चल...
कोकड़ा भगत मन खा डरिन,
उंखर जूठा ल मेलबो। चल...
बपरा मन जनता सेवा के नंगाारा,
मर-मर के बजावत हें,
अपन जी-छुट्टई के बजार म,
पूरा देस ल सजावत हे,
जांगरचोट्टा मन के बोझा ल,
मर-मर के झेलबो। चलकृ
ए डिलवा ले ओ डिलवा,
योजना ल गोहराहीं,
तोर करम के पाबे,
अपन भाग सहराहीं,
जम्मों राज खाके हावे भुखमर्रा,
तिखर बर रोटी बेलबो। चल...
अधरे-अधर एमन रेवड़ी बांटत हें,
अधिकारी ल देखबे त,
सादा कुरथा के तरूवा चाटत हे,
अरे! अपन बनही पगरइत,
अउ रेगड़ी ल हमन पेलबो। चल...