(भूतों के लिए)
इसीलिए कहते हैं कि
ज्यादा अहंकार मत करो,
मानवता की मर्यादा को,
कभी पार मत करो,
समय आने पर
किसी का भी,
कर देती मर्दन है,
इसीलिए तो
हमेशा जनता जनार्दन है।
(जीवितों के लिए)
आशीर्वाद लो और आगे बढ़ो,
नित नई मंजिल तुम रोज गढ़ो,
लेकिन पिछली गल्तियों को
बिल्कुल मत दोहराना,
राजनीति का स्वाद,
जरूर चखना पर,
जनता से प्रेम,
हमेशा बनाये रखना,
क्योंकि
पापियों का पाप जनता हरती है,
और जनता ही है,
जो राजतिलक करती है..