लचर व्यवस्था से काम नहीं चलेगा,
कानून का स्वभाव कड़ा होना चाहिए।
हर व्यक्ति हो अनुशाशित,
और दिल में देशप्रेम जड़ा होना चाहिए।
सर्वत्र हो भाईचारे का सागर,
हर जन में स्नेह का घड़ा होना चाहिए।
और जब हो देश या मुल्क की बात,
वहाँ पर आदमी नहीं, राष्ट्र बड़ा होना चाहिए।
28 August 2018
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मनोज श्रीवास्तव जी की रचनाएं
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