कुंठाग्रस्त होकर अपना,
जीवन बरबाद मत कर,
दूसरों की बुराई निकाल,
खुद को अवसाद मत कर,
सियासत कभी किसी का न हुआ,
मौलिकता के शहर में रहकर,
राजनीति ईजाद मत कर।
17 May 2018
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मनोज श्रीवास्तव जी की रचनाएं
» राजनीति ईजाद मत कर
कुंठाग्रस्त होकर अपना,
जीवन बरबाद मत कर,
दूसरों की बुराई निकाल,
खुद को अवसाद मत कर,
सियासत कभी किसी का न हुआ,
मौलिकता के शहर में रहकर,
राजनीति ईजाद मत कर।