जब दोस्ती अच्छी रहे, तब लाती है रंग।
दोस्ती जब गहरी बने, भाती मनको संग।।
दोस्ती अपना प्रेम का, कितना होय अजीब।
होते कितना दूरिया, फिर भी रहे करीब।।
-हेमलाल साहू
जब दोस्ती अच्छी रहे, तब लाती है रंग।
दोस्ती जब गहरी बने, भाती मनको संग।।
दोस्ती अपना प्रेम का, कितना होय अजीब।
होते कितना दूरिया, फिर भी रहे करीब।।
-हेमलाल साहू