हे गणनायक देव गजानन
(मत्तगयंद सवैया)
हे गणनायक देव गजानन
राखव राखव लाज ल मोरे ।
ये जग मा सबले पहिली प्रभु
भक्तन लेवन नाम ल तोरे ।
तोर ददा शिव शंकर आवय
आवय तोर उमा महतारी ।।
कोन इहां तुहरे गुण गावय
हे महिमा जग मा बड़ भारी ।
राखय शर्त जभे शिवशंकर
अव्वल घूमय सृष्टि ल जेने ।
देवन मा सबले पहिली अब
देवन नायक होहय तेने ।।
अव्वल फेर करे ठहरे प्रभु
सृष्टिच मान ददा महतारी ।
कोन इहां तुहरे गुण गावय
हे महिमा जग मा बड़ भारी ।।
काम बुता शुरूवात करे बर
होवय तोर गजानन पूजा ।
मेटस भक्तन के सब विध्न ल
विघ्नविनाशक हे नहि दूजा ।।
बुद्धि बने हमला प्रभु देवव
हो मनखे हन मूरख भारी ।
कोन इहां तुहरे गुण गावय
हे महिमा जग मा बड़ भारी ।
-रमेश चौहान
(मत्तगयंद सवैया)
हे गणनायक देव गजानन
राखव राखव लाज ल मोरे ।
ये जग मा सबले पहिली प्रभु
भक्तन लेवन नाम ल तोरे ।
तोर ददा शिव शंकर आवय
आवय तोर उमा महतारी ।।
कोन इहां तुहरे गुण गावय
हे महिमा जग मा बड़ भारी ।
राखय शर्त जभे शिवशंकर
अव्वल घूमय सृष्टि ल जेने ।
देवन मा सबले पहिली अब
देवन नायक होहय तेने ।।
अव्वल फेर करे ठहरे प्रभु
सृष्टिच मान ददा महतारी ।
कोन इहां तुहरे गुण गावय
हे महिमा जग मा बड़ भारी ।।
काम बुता शुरूवात करे बर
होवय तोर गजानन पूजा ।
मेटस भक्तन के सब विध्न ल
विघ्नविनाशक हे नहि दूजा ।।
बुद्धि बने हमला प्रभु देवव
हो मनखे हन मूरख भारी ।
कोन इहां तुहरे गुण गावय
हे महिमा जग मा बड़ भारी ।
-रमेश चौहान