आकार शिल्पकला प्रशिक्षण शिविर में पैरा आर्ट सिखाने के लिए नवागढ़ में कलागुरु नम्रता देवांगन, चाम्पा से और प्रभा पैगवार, पुटपुरा से आयी है। इन्होंने पहले भी रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर, जगदलपुर इत्यादि जगहों पर धान के पैरे से डिजाईन बनाने की कला का प्रशिक्षण दिया है।
धान के पैरे से डिजाईन बनाने का प्रक्रिया-
पैरा तीन रंग का होता है- सफेद, लाल और भूरा
1. पहले पैरे को चुन-चुन कर गांठ के हिस्से से निकाला जाता है, निकालने के बाद पैरा को पानी में भिगो दिया जाता है।
2. भीगे हुए पैरे को थोड़ी देर हवा में सुखाने के बाद ब्लेड से छिला जाता है।
3. इसके बाद पेंटिंग को बटर पेपर (टिशू पेपर) में trace किया जाता है।
4. Trace किये हुए बटर पेपर में छिले हुए पैरे को फेविकोल से चिपका कर थोड़ी देर सुखाया जाता है।
5. सूखने के बाद उसे पेंटिंग के आकार के हिसाब से कैची की सहायता से काटा जाता है।
6. फिर हार्ड बोर्ड में काला कपडा चिपकाया जाता है।
7. कटिंग किये हुए पैरे को हार्ड बोर्ड में लगे काले कपडे पर चिपकाया जाता है, साथ ही स्केल और पेंसिल की सहायता से बॉर्डर बनाया जाता है।
इस तरह बनकर तैयार होता है, पैरे से बनी सुन्दर डिजाईन्स