तोर बिना रे जोही
आँखी म निंदिया आवत नई हे
आँखी म निंदिया आवत नई हे
ऊबुक-चुबुक मनुवा करे
सुरता के दहरा मा
आँखी-आँखी रतिहा पहागे
तोर मया के पहरा मा
सुरता के दहरा मा
आँखी-आँखी रतिहा पहागे
तोर मया के पहरा मा
चम्मा-चमेली सेज-सुपेती
मोला एको भावत नई हे
तोर बिना रे जोही
आँखी म निंदिया आवत नई हे
मोला एको भावत नई हे
तोर बिना रे जोही
आँखी म निंदिया आवत नई हे
मोर ओठ के दमकत रंग ह
लाली ले कारी होगे
आँखी के छलकत आंसू
काजर ले भारी होगे
लाली ले कारी होगे
आँखी के छलकत आंसू
काजर ले भारी होगे
अइसे पीरा देस रे छलिया
छाती के पीरा जावत नई हे
तोर बिना रे जोही
आँखी म निंदिया आवत नई हे
छाती के पीरा जावत नई हे
तोर बिना रे जोही
आँखी म निंदिया आवत नई हे
आनी-बानी सपना के बादर
चारो कोती छाये हे
तोरे मोहनी काया के फोटू
घेरी-बेरी बनाये हे
चारो कोती छाये हे
तोरे मोहनी काया के फोटू
घेरी-बेरी बनाये हे
छाती म आगी दहकत हे
बैरी पिरोहिल आवत नई हे
तोर बिना रे जोही
आँखी म निंदिया आवत नई हे
बैरी पिरोहिल आवत नई हे
तोर बिना रे जोही
आँखी म निंदिया आवत नई हे
- रमेश चौहान