03 March 2017

गोड़ी तरंग

गोड़ी धरम के बात ला,सुनके लगथे अति आनंद भारी ।
देबी देवता झाड़मारी हे, शोभा है अति न्यारी ।।1।।
तरह तरह ले पूजा करके, देव मनाथन भारी ।
अति प्रशन्न हे देवी देवता, देत आशीष हे भारी ।।2।।
कातिक महीना तिथि अमावश, रात रहे अंधियारी ।
एक रात में गौरी गौरा, होत कुलाहल भारी ।।3।।
पूजा करके देव जगाथन, गावै गौरा गीत मंगलकारी ।
बड़े बिहिनिया पूजा करके, झांकी देखावब जारी ।।4।।
गौर गीत गावत जाथे, चढ़े डङइया भारी ।
लड़का मन हा गौरा चड़थे, लेवै सोटा भारी ।।5।।
कोनो लेवै गांजा ध्रुवा, कोनो महुआ पानी ।
कोनो लेवै तेल के बोड़ा, देखइया थर्रानी ।।6।।
पूजाई के काम होथे, सब देव सुमरनी भारी ।
नारायण देव के पूजमन करके, गावै मंगलकारी ।।7।।
बरबिहाव में बङनीक लगै, देवै भड़ौनी गारी ।
परघौनी म गोड़ के अखरा, लाठी चालै भारी ।।8।।
करमा डंडा अउ ददरिया, शोर मचावै भारी ।
महिला मन है सुवा गावै, अउ बिहाव म गारी ।।9।।
देखत सुनत बङनीक लागै, मनोरंजन होत हे भारी।
रामनाथ के तरंग ल देखौ, कैसे बात बिचारी ।।10।।
Previous Page Next Page Home

हर ताज़ा अपडेट पाने के लिए नवागढ़ के Facebook पेज को लाइक करें

Random Post

मुख्य पृष्ठ

home Smachar Ayojan

नवागढ़ विशेष

history visiting place interesting info
poet school smiti
Najdiki suvidhae Najdiki Bus time table Bemetara Police

ऑनलाइन सेवाएं

comp online services comp

Blog Archive