गोड़ी धरम के बात ला,सुनके लगथे अति आनंद भारी ।
देबी देवता झाड़मारी हे, शोभा है अति न्यारी ।।1।।
देबी देवता झाड़मारी हे, शोभा है अति न्यारी ।।1।।
तरह तरह ले पूजा करके, देव मनाथन भारी ।
अति प्रशन्न हे देवी देवता, देत आशीष हे भारी ।।2।।
अति प्रशन्न हे देवी देवता, देत आशीष हे भारी ।।2।।
कातिक महीना तिथि अमावश, रात रहे अंधियारी ।
एक रात में गौरी गौरा, होत कुलाहल भारी ।।3।।
एक रात में गौरी गौरा, होत कुलाहल भारी ।।3।।
पूजा करके देव जगाथन, गावै गौरा गीत मंगलकारी ।
बड़े बिहिनिया पूजा करके, झांकी देखावब जारी ।।4।।
बड़े बिहिनिया पूजा करके, झांकी देखावब जारी ।।4।।
गौर गीत गावत जाथे, चढ़े डङइया भारी ।
लड़का मन हा गौरा चड़थे, लेवै सोटा भारी ।।5।।
लड़का मन हा गौरा चड़थे, लेवै सोटा भारी ।।5।।
कोनो लेवै गांजा ध्रुवा, कोनो महुआ पानी ।
कोनो लेवै तेल के बोड़ा, देखइया थर्रानी ।।6।।
कोनो लेवै तेल के बोड़ा, देखइया थर्रानी ।।6।।
पूजाई के काम होथे, सब देव सुमरनी भारी ।
नारायण देव के पूजमन करके, गावै मंगलकारी ।।7।।
नारायण देव के पूजमन करके, गावै मंगलकारी ।।7।।
बरबिहाव में बङनीक लगै, देवै भड़ौनी गारी ।
परघौनी म गोड़ के अखरा, लाठी चालै भारी ।।8।।
परघौनी म गोड़ के अखरा, लाठी चालै भारी ।।8।।
करमा डंडा अउ ददरिया, शोर मचावै भारी ।
महिला मन है सुवा गावै, अउ बिहाव म गारी ।।9।।
महिला मन है सुवा गावै, अउ बिहाव म गारी ।।9।।
देखत सुनत बङनीक लागै, मनोरंजन होत हे भारी।
रामनाथ के तरंग ल देखौ, कैसे बात बिचारी ।।10।।
रामनाथ के तरंग ल देखौ, कैसे बात बिचारी ।।10।।