15 August 2022

मरे के पहिली झन मर

जीवन एक
सरल मंतर ए, 
फेर कंजूसी अउ 
बचत म अन्तर हे,
कोनो दिन 
खटिया म पर जबे, 
का भरोसा रट ले मर जबे, 
तव मरे के पहिली झन मर,
अपन जीयत ले 
दिल खोल के खर्चा कर...

जीते जी सम्मान

हो सके तो
दुखों को हर लीजिए, 
किसी व्यक्ति का जीते जी 
सम्मान कर लीजिए,
क्योंकि संसार तो 
ऐसे ही चलता है पर, 
कोई अपना अपने बीच 
न रहे तो खूब खलता है...

13 August 2022

जनहित का पक्षधर

सूर्य जिस पर
अभिमान करता है, 
चंद्र जिसका
गुणगान करता है, 
जनहित का पक्षधर
है मेरा देश, 
केवल चरित्र का
निर्माण करता है...

11 August 2022

दुर्घटनाओं को आमंत्रण

मौत सामने है पर 
खबर नहीं है, 
शहरी रहनुमाओं को,
थोड़ा सबर नहीं है,
गाड़ी बिना इंडिकेटर 
मोड़े जा रहे हैं, 
दुर्घटनाओं के लिए रास्ता, 
छोड़े जा रहे हैं...

12 December 2021

व्यंग्य दोहा

नेता सोज्झे पीटथे,
राजनीति के ढोल,
बोली भर ले पोठ हे,
भितरी ले हे पोल।

11 April 2021

हेम के चौपाई छंद (कोरोना जागरूकता)

घर भीतर रह कहिथे मोना।
घर बाहिर बइरी कोरोना।।
करत हवय जे जादू टोना।
नइहे हमला जिनगी खोना।।

बहनी चुन्नी आव बिसाबो। 
साबुन सेनिटाइजर लाबो।
बारम्बार हाथ ला धोबो।
कोरोना ला दूर भगाबो।।

सुनले भैया तँय हर राजन।
करव लॉक डाउन के पालन।।
कहिथे शासन संग प्रसाशन।
बढ़िया से घर मा हम राहन।।

खाँसी सर्दी बुखार आवय।
लक्षण कोरोना के हावय।।
झटसे अस्पताल मा जावव।
कोरोना के टेस्ट करावव।।

सबसे दुरिहा रह ले राजू।
दू गज रख के आजू बाजू।।
सबला संगी आव जगाबो।
कोरोना से हमन बचाबो।।

-हेमलाल साहू 
छंद साधक सत्र-1
ग्राम- गिधवा, जिला बेमेतरा

06 April 2020

जैन समाज ने किया राशन वितरण

नवागढ़-भगवान महावीर जी के 2619वें जन्मकल्याणक महोत्सव के अवसर पर जैन समाज नवागढ़ के लोगों ने भगवान महावीर स्वामी से कोरोना से मुक्ति के लिए प्रार्थना की व ज़रूरतमंदो को राशन वितरित किया तथा लोगों को कोरोना के लिए जागरूक करते हुए सोशल डिस्टन्सिंग का संदेश दिया । 
 इस अवसर पर शुभम जैन, ऋषभ जैन, मयंक जैन, देविका जैन, सुनीति जैन व अन्य वरिष्ठगण उपस्थित रहे।

31 March 2020

घेचौरा ल धरहिच्चे

दिया बरत हे जतका बेर, अंजोर तो करहिच्चे
तेल सिरा जाही तभो ले, बाती दम भर बरहिच्चे
रेस्टीप के जिनगी ए, भागत ले कस के भाग ले,
आखिरी बेर यमराज, तोर घेचौरा ल धरहिच्चे...

27 February 2020

व्यंग्य बाण

व्यंग्य के बाण,
कहीं से टूट गए हैं।
शायद मेरे शब्दकोष,
मुझसे रूठ गए हैं...

01 August 2019

जलता रावण

हे मनुष्य!
तुम रावण को,
क्या जलाओगे!!
वह तो,
खुद ही जलता है,
तुम्हें दिखाने के लिए,
कि बुराई कितनी भी,
भयानक क्यों न हो,
एक दिन,
जल ही जाती है,
मेरी तरह,
किंतु तू नासमझ!
जहाँ से रावण,
बुराई खत्म करने की,
प्रेरणा देता है,
तू वही से,
सारी बुराइयों को,
दुगुने दुस्साहस से,
पुनः ग्रहण करता है,
कदाचित रावण,
इसीलिए चुपचाप,
जल जाता है,
क्योंकि तूने,
रावण की सीमा भी,
लांघ दी है!!

27 April 2019

धाम कहाँ है

का धाम कहाँ है.....

बता दे कलियुग श्याम कहाँ है,
मेरे ठाकुर जी का धाम कहाँ है,
मैं भटकूँ हरदम जोगी सा,
देख हाल मेरा है रोगी सा,
बस आँख से आँसू बहते हैं,
अब लोग तो पागल कहते हैं,
जिसे लेने जग में आया था,
वो पावन सुंदर नाम कहाँ है।
बता दे कलियुग श्याम कहाँ है,
मेरे ठाकुर जी का धाम कहाँ है।

रघुकुल की मर्यादा लेकर,
मानव धर्म की शिक्षा देकर,
विश्व विजय कर दिखलाया,
राष्ट्र धरम  को सिखलाया,
सिया भी तुमसे पूछ रही है,
बता दे कलियुग राम कहाँ है,
मेरे ठाकुर जी का धाम कहाँ है।

सत्य वचन नित रहता था,
हृदय से अमृत बहता था,
परहित करने नत हो जाते,
जनकल्याण में रत हो जाते,
बहुजन हित की पूजा का,
सन्ध्या या वह शाम कहाँ है,
बता दे कलियुग श्याम कहाँ है,
मेरे ठाकुर जी का धाम कहाँ है...

26 April 2019

Manoj kumar Shrivastava

Manoj kumar Shrivastava

Ashok aakash by manoj kumar shrivastava

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