03 March 2017

गणपति गीत

गणेश वन्दन गीत
प्रथम गणेश मनाऊं मैं तो, शारद की गुण गाउ।। टेक।।
गौरी शंकर मात पिता है, चरणों में सिर झुकाऊँ।।1।।
श्याम कार्तिक भाई जिनके, हाथ जोड़ सिर नाउ।।2।।
रिद्धि सिद्धि दोउ चवर ढुलावै, मनवांछित फल पाउ।।3।।
दोहा- नवागढ़ नगर मे, श्री गणेश भगवान।
        भाव सहित पूजा करें, उन्हें मिले सम्मान।


गणेश जी की आरती
हाय रे 2 हमन पहिली मनाबो रे,
गणपति महराजा ला हमन पहिली मनाबो रे ।। टेक।।
माता जाके पारबती,पिता महदेवा रे संगी ।
भाई बड़े हे श्याम कार्तिक, सबो के करबो सेवा ।। 1 ।।
कान हावे सूपा बरोबर, सोढ़ हवै भारी रे संगी ।
पेट जाके जबर हावै, मुसुवा के सवारी ।। 2 ।।
रिद्धि सिद्धि  चवर डोलावे, महिंमाहे बड़ भारी रे संगी ।
ज्ञान देवे मुक्ति देवै, सुख देवै बड़ भारी ।।3।।
शारदमाता लक्ष्मी माता, संग गजानन बइठे रे संगी ।
रामनाथ धव अरज करत हे , दोनो हाथ ला जोड़े ।। 4।।

धन्य धन्य गाँधी महाराज

धन्य- धन्य गांधी महराज तोरे गुन ल गावो आज कि जै गंगा ।।टेक।।
मोहन चंद गांधी तोर नाम, पोरबंदर म जनम तोर जै गंगा ।।1।।
भारत मां के लाज बचाय, सपूत बेटा गांधी आय जै गंगा ।।2।।
हमर देश म सुनता करके, अंगरेजवा ल दीये भगाय जै गंगा ।।3।।
गांव - गांव अऊ गली - गली म, अपना डंका बजा दिया जै गंगा ।।4।।
15 अगस्त सन 4947 म, भारत स्वतंत्र करवाय जै गंगा ।।5।।
वीर सपूत मन फासी लगगे, तिरंगा झण्डा के शान बढाय जै गंगा ।।6।।

छत्तीसगढ़ महिमा

हमर छत्तीसगढ़ महतारी
हाय रे 2 महान हावे राम, मोर छत्तीसगढ महतारी ह महान हावै रे ।।टेक।।
उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम, चारो कोती पहाडी रे संगी ।
चारो दिशा के बीच नइये, जंगल अऊ झाडी ।।1।।
बड़े मयारू मोर छत्तीसगढ़,सबो प्रान्त के वासी रे संगी ।
छोटे बडे सब धंधा कर के ,बनगे छस्तीसगढ़ के वासी ।।2।।
बड़े 2 हे बाग बगीचा , देखब में मन भरथे रे संगी ।
हरियर हरियर पहाड़ परबत, गजब सुन्दर लगथे ।।3।।
लोहा पथरा कोइला के ,भरपूर हे भंडार रे संगी ।
हीरा सोना बहुत किसम के,ओंहू हवै अपार ।। 4 ।।
बडे बड़े हे टार बांध, जहाँ भरे लबालब पानी है संगी ।
इहे सब फसल होत हे, धान कटोरा जानी ।। 5 ।।
इहै बिराजे देवी देवता, साधु अऊ सन्यासी रे संगी ।
मोर भुइया के पावन माटी लगथे मथुरा कांशी ।। 6 ।।
सबो कोती मोटर दऊड़त, रेल घलो ह चलथे रे संगी ।
छत्तीसगढ़ के पावन धरती म, हवाई जहाज ह उडथे ।।7।।
इहे बसत हे चारो बरन, हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई रे संगी।
सबो झनहा एक संग बइठत, प्रेम सहित सब भाई ।।8।।
मोर छरुतीसगढ़ बड़े मयारू, सब संग माय जताथे रे संगी ।
हली भली सब ला पूछते, हसत हसत गोठियाथे ।।9।।
छत्तीसगढिया बड़े दयालु, दया मया म आगू रे संगी ।
छस्तीसगढ़ म पूछत आईन, अंधा म होगे आगू ।।10।।
चारो मुड़ा ले आके संगी, हमर भिलाईम बसगे रे संगी ।
भुखहा दुखिया मन के इहा चिन्हारी होथे,
एक दो रुपया किलो में सस्ता चाऊर मिलथे ।।11।।

धन्य धन्य छत्तीसगढ़ माई
धन्य - धन्य छस्तीसगढ़ माय तोरे गुण ल गावौ आज कि जै गंगा ।।टेक।।
ऋषि मुनि के आश्रम आ्य, महादेव निवास बनाय जै गंगा ।।1।।
महानदी अऊ अरपा पैरी, हाफ शिवनाथ के धार बोहाय जै गंगा ।। 2 ।।
धनहा में तो धान बोआय, भर्री में ओन्हरी आय जै गंगा ।।3।।
किसम 2 के अनाज होवे, भरपूर फायदा किसान ल होवे जै गंगा ।। 4।।
गांव-गांव में सड़क बनगे,घर-घर  में तो बिजली लगगै जै गंगा ।।5।।
गांव-गांव में स्कूल खुलगे,लड़का-लड़कीं पढ़इहा होगे जै गंगा ।। 6 ।।
छत्तीसगढ तो बढियाआय, भारत में तो नाम कमाय जै गंगा ।। 7 ।।
बड़े बड़े हे पहाड़ पर्वत, बडे- बडे नदिया के धार जै गंगा ।। 8 ।।

नवागढ़ के धरती के महिमा

हाय रे 2 महान हावै राम, नवागढ़ के धरती ह महान हावै रे ।।टेक।।
इहे बिराजे महमाया अऊ, इहे शीतला देवी रे संगी ।
इहे बिराजे शक्ति माता, इहे गायत्री देवी  ।। 1 ।।
इहे बिराजे शिव शारदा, इहे लक्ष्मी देवी रे संगी ।
इहे बिराजे काली माई , इहे चण्डी देवी ।। 2 ।।
इहे बिराजे राम कृष्ण अऊ, इहे हवै बजरंगी रे संगी ।
इहे बिराजे बुढा देव् जी, उडै धजा सतरंगी ।। 3 ।।
इहे बिराजे लक्ष्मी नारायण , इहे भैरव बाबा है संगी ।
इहे बिराजे श्री गणेश जी, रक्षक भोले बाबा  ।। 4 ।।
जगह-जगह में संत समाधी,ओ हवै गुरू चरणा रे संगी ।
रामनाथ ध्रुव अरज करत हे, राखहू अपने शरणा ।।5।।

कर्मा गीत

कर्मा गीत
हाय रे गोड़वाना राजा रे, ये धरती म राज करिन गोड़वाना राजा रे ।।टेक।।
चांदा में छेदइहा राजा, लाजी में नेताम रे संगी ।
मंडला में मरई राजा, राज करिन है भारी ।। 1 ।।
रतनपुर में सोरी राजा, धमधा में मरकाम रे संगी ।
नवागढ में खुसरो राजा, राज करिन हे भारी ।। 2 ।।
राजा महराजा राज करिन, परजा ल सुख भारी रे संगी ।
ये धरती के बरदानी राजा, राज करिन है भारी रे संगी ।।3।।

कर्मा गीत
हाय रे 2 कहानी होगे रे, गोडवानो के बात ह कहानी होगे रे ।।टेक।।
बूढादेव के पूजा करके, देव् मनाथन भारी है संगी ।
देवी के भक्ति करके, राज करिन हे भारी।।1।।
कातिक महिना तिथि अमावश, रात रहे अधियारो रे संगी ।
एक रात में इंशर गौरा, होत कोलाहल भारी ।। 2 ।।
बर बिहाव म बड़ नीक लागे, गावै मंगल कारी रे संगी ।
महिला मन ह सुवा गावै, अऊ बिहाव म गारी ।। 3 ।।
परघौनी म गोड के अखरा, लाठी चालै भारी रे संगी ।
करमा डंडा अऊ ददरिया, शोर मचावै भारी ।।4।।

कर्मा गीत
हाय रे 2 तोर कोरा मां खेलै  ना - राम लखन दूनो भाई ।
मोर भुइया महतारी, तोर कोरा में खेलैना ।।टेक।।
तो कोरा मा जन मीच दाई, सीता जइसे महतारी ।
जनक जी के बेटी कहाये, घर 2 बजत बधाई - ।।1।।
परगट होइस ये भुइया मां, राम लखन रघुराई ।
दसरथ जी तोर पिता कहाइस, कौशिल्या महतारी।।2।।

कर्मा गीत
हाय रे 2 तै भज ले सीताराम, चार दिन के जिनगी हावै । ।टेक।।
बास नवै कलमी नवै, नवै तीर कमान है संगी 2 ।
मुरख बैरी नई नवै, नवै चतुर सुजान  ।। 1।।
बरकाटे पीपर काटे, हत रे चंडाल बैरी 2 ।
मौरत आमा काट दिये, नई मिलै मनुष अवतार ।। 2 ।।

कर्मा गीत
हाय रे 2 महान नारि आय,
जेखर मन के बात बताऔ गोड़वानो के आय।
दलपत शाह गढ़ा मंडला-रानी दुर्गावती आय रे संगी2
परजा मन के रक्षा करत- अपन जान गवाय ।।1।।
भूपालशाह राजा के रानी- कमलावती आय।
भोपाल में ताल बनवाइच- सत खंडा महल बनवाय।।2।।
हिराखान क्षत्री राजा के - कमाल हीरो आय।
दुश्मन मन मार गिराइच- रईया सिघोला जाय।।3।।
रामनाथ ध्रुव नवागढ़ वाले- गोत्र मराई आय।
गोवानो करतब देख के- करमा ल बनाय।।4।।

पहाडी कर्मा
डोगरी में रे हाय जवारा डोगरी में, तेंदूपाना टोरे ल जाबो डोगरी म रे।। टेक।।
करिया कोयली कुहकीं मारे,मजूर के मीठ बोली जवारा
डोगरी बीच ले गाये ददरिया, छाती ल मारे गोली ।।1।।
लऊहा जाबो चार पाबो, तेदूखाबो का जवारा ।
बाही म बाही जोर के,अमरइया जाबो ।।2।।
जगर बगर रूपया दिखै, बगर बगर साटि जवारा
तोर रेंगना देख के हासय, छत्तीसगढ़ माटी।।3।।

24 अवतार का भजन

प्रभु चौबीस लिये अवतार ।। टेक ।।
मच्छ, कच्छ सुकर नरहरि वामन परसराम अवतार ।
राम कृष्ण बौद्ध कलंकी या दसवां अवतार ।।
मनु नारद विष्णु सनकादिक मोहनी रूप कपिल सागर निवास ।
व्यास दस्तात्रेय पृथु हयग्रीघ बद्रीनारायण उत्तराखण्ड निवास ।।
लिया हंस अवतार प्रभु ने धनवंतरी यज्ञ मय लिया अवतार।
रामनाथ ध्रुव हाथ जोड़कर का विनय करत बार- बार ।।
जगत में नाम रूप दर्शाये ।। टेक ।।
प्रथम रूप मच्छ का संखासुर को मार देव को प्राप्त किये।
दूसरा रूप कच्छ का लीन्हे महिषासुर मार क्षीर सागर 14 रत्न निकाले।।
तीसरा रूप बराह का हिरण्याक्ष बधकर पृथ्वी को बाहर लाये ।
चौथा रूप नरसिंह का हिरण्यकश्यप को मार प्रहलाद को बचाये ।।
पांचवा रूप वामन का बलि को छल कर पृथ्वी को नाप डारे ।
छठवा रूप परसराम का इक्कीस बार क्षत्री विहीन कर डारे ।।
सातवा रूप श्री राम चन्द्र का भूमि का भार उतार रावण मारे ।
आठवा रूप श्री कृष्ण चन्द्र का कंश नाश कर दुष्टों को मार गिराये ।।
नौवां रूप बौद्ध जी का रक्त बीज संघारे ।
दसवां रूप कलंकी होइ है दुष्टों को बध डारेगे ।।
ग्यारह रूप मनु का है जग विस्तार कराये ।
बारह रूप नारद का भक्ति मार्ग दिन्द्रखाये।।
तेरह रूप विष्णु संतोषी का जग में विवेक बतलाये।
चौदह रूप सनकादिको का बाल रूप विचरण किये ।।
पंद्रह रूप मोहनी का दैत्यो से अमृत छीन ले आये ।
सोलह रूप कपील जी का अपने माता को उपदेश दिये ।।
सत्रह रूप व्यास का है जो वेद पुरान बखान किये ।
अठारह रूप दस्तात्रेय का जो चौबीस गुरू बनाकर सबको सिखलाये।।
उन्तीस रूप पृथु का पृथ्वी गऊबनाकर दुहकर औषधि निकारे।
बीस रूप हयग्रीव का जो मधुकैटभ को मारे।।
इक्सीस रूप बद्री नारायण धर्म से तप करने को आये ।
बाइस रूप अवतार हंस का प्रश्नोत्तर देने आये ।।
तेइस रूप धन्तंतरी का रोगंनाश करने आये।
चौबीस रूप अवतार यज्ञमय यज्ञ कराने आये ।।
दस धन चौदह मिलकर चौबीस पुरानन गाये ।
विनय है रामनाथ का रूप गुणो को गाये ।।

नवागढ़ की झांकी

आते जाते लोग यहाँ ग्राम नवागढ़ में
होते अति आनन्द सब तरिया को देखते
बड़े बड़े पार जहाँ वृक्षो की कतार
मन्दिरो की की शोभा देख महिमा अपार है
बस स्टैंड में होटल पान ठेला
फल नाई दुकान फल बिक्री कपड़ा सिलाई होते
नगर पंचायत हनुमान दरबार
यात्री प्रतीक्षालय सराय आम बाजार लगता है
सायकल स्टोर पास में कपड़ा दुकान
मेडिकल महालक्ष्मीप धाम है
कांजी हौस गोदाम साक्षरता सिचाई
स्वास्थ्य केंद्र अन्य दुकान है
सुरकी तालाब पार राम कृष्ण मंदिर
विशाल होते प्रभु गुण गान है
पूल के पश्चिम में विविध दुकान लगता है
और गुरुद्वारा बना विशाल है
सोसायटी डॉक्टर शाला रोज लगता है
मेडिकल किराना कपड़ा बर्तन दुकान है
सोने चांदी का दुकान बीच बस्ती में
श्री गणेश मंदिर समी वृक्ष पास है
हालर आरा मील को.आ.बैंक टी.बी. बिकात
बी.डी.ओ. दिखात है
मानाबंद तालाब में महामाई शीतला दुर्गा गायत्री शक्ति ठाकुर देव शिव भगवान है ।
पास में आदिवासी देवांगन की सांस्कृतिक भवन
हेण्ड पम्प आम निस्तार है
राजा की पुराना कीला मात्र निशान है
उसी में शिव शारदा विराजमान है
उत्तर में भैरव बाबा का स्थान है
ग्रामवासी वहाँ जाकर करते ध्यान है
बेमेतरा रोड में छात्रावास रेस्ट हाऊस
विद्यालय तहसील ब्लाक लगते है
बाल विकास जनपद पशु औषधालय
एवं कृषि पटवारी ब्लाक राजस्व निरी. कार्यालय है
सम्बलपुर रोड में आरक्षी केंद्र जहाँ बिजली नल कूप
कीटनाशक दवा दुकान है
मुंगेली रोड में ग्रामीण बैंक तीर में स्टेट बैंक कॉलेज
और चिल्हर दुकान है
छिरहा रोड में आरामील जुड़ावन बंदतीर में
लक्ष्मीनारायण मंदिर एवं मंडी है
हर पारा में पाठशाला आंगन बाड़ी
डॉक्टर करते उपचार है
गांव में हेण्डपम्प नल तालाब
नाला आम निस्तार है
गांव में बसे लोग एक से एक
सज्जन धनी एवं महान है
सभी जाति धर्म के बसे
समाज पढ़े लिखे सम्य समझदार है
सबके साथ यहाँ सुंदर व्यवहार है
कहते है रामनाथ नवागढ़ मनोरंजन स्थान है
दुर्ग जिला  छत्तीसगढ़ में
नवागढ़ एक बड़ा ग्राम है।

गोंडवाना राज हमारा है

ऐ राज रहिस गोड़वानो के, मैं नाम बतावौ श्रीमानों के
साढ़ विजय धमधा गढ़ के, नरवरशाह नवागढ़ के ।
दाढ़ी राजा डाढ़र शाह, साढ़र शाह गुड़ा के ।।
मारो राजा नौरंगशाह, रानी झमितकुवर डौडीलोहारा के ।
परपोड़ी जमीदार राजेंद्र सिंह, डोगेन्द्रशाह गंडई के ।।
आदिवासी नेता लालश्यामशाह, राजा आय वो मोहला के ।
ठाकुर टोला लाल कप्तान पुलस्त, अरिसिंह कंन्तेली के ।।
पंडरिया राजा रघुराज सिंह, धर्मराजसिह कवर्धा के ।
सोनाखान वीर नारायण, नाम जगाये छत्तीसगढ़ के ।।
रायपुर राजा भंजदेव, राजा रत्नदेव रतनपुर के ।
शंकरशाह गढ़ा मण्डला, बल्लाङशाह चांदागड़ के ।।
बुलन्दशाह नागपुर, संग्रामशाह गढ़ कंटगा के ।
रायगढ़ राजा चक्रधर सिंह, जवाहिर सिंह सारँगढ़ के ।।
रानिकमलावती भुपालशाह भोपाल के ।
वीरता में दुर्गावती नाम रोशन कराये
गोड़वानो के ये महारानी आय मण्डला के ।।
ऐ राजा जमीदार अनेक रहे, सुखी रहै परजा उनके ।
ऐखरे सेती कईथे भइया, ये राज आय गोड़वानो के ।।
भूल चूक में ध्यान न देहु, सूजन सुधारहू पढ़ सुन के ।
रामनाथ ध्रुव बात बताइस, रहवइया आय नवागढ़ के ।
छत्तीसगढ़ देश, जहाँ गोड़ थे नरेश,
जहाँ लगा रहे दरबार वहाँ चोगीथे तैय्यार ।।

गोड़ी तरंग

गोड़ी धरम के बात ला,सुनके लगथे अति आनंद भारी ।
देबी देवता झाड़मारी हे, शोभा है अति न्यारी ।।1।।
तरह तरह ले पूजा करके, देव मनाथन भारी ।
अति प्रशन्न हे देवी देवता, देत आशीष हे भारी ।।2।।
कातिक महीना तिथि अमावश, रात रहे अंधियारी ।
एक रात में गौरी गौरा, होत कुलाहल भारी ।।3।।
पूजा करके देव जगाथन, गावै गौरा गीत मंगलकारी ।
बड़े बिहिनिया पूजा करके, झांकी देखावब जारी ।।4।।
गौर गीत गावत जाथे, चढ़े डङइया भारी ।
लड़का मन हा गौरा चड़थे, लेवै सोटा भारी ।।5।।
कोनो लेवै गांजा ध्रुवा, कोनो महुआ पानी ।
कोनो लेवै तेल के बोड़ा, देखइया थर्रानी ।।6।।
पूजाई के काम होथे, सब देव सुमरनी भारी ।
नारायण देव के पूजमन करके, गावै मंगलकारी ।।7।।
बरबिहाव में बङनीक लगै, देवै भड़ौनी गारी ।
परघौनी म गोड़ के अखरा, लाठी चालै भारी ।।8।।
करमा डंडा अउ ददरिया, शोर मचावै भारी ।
महिला मन है सुवा गावै, अउ बिहाव म गारी ।।9।।
देखत सुनत बङनीक लागै, मनोरंजन होत हे भारी।
रामनाथ के तरंग ल देखौ, कैसे बात बिचारी ।।10।।

जन्म भूमि

नवागढ़ बड़ नीक लगथे मोर जन्म भूमि के गांव ।।टेक।।
अड़बड़ तरिया डबरा डिल्वा, देवी देवता के गांव ।
हर पारा में शाला भवन है, पन्द्रह वार्ड के गांव ।।
गांव के बीच में देवी देवता, जगह जगह पघराये ।
गांव के रक्षक सब देवता है, तरिया पार बसाये ।।
बाइस गांव के मेड़ो जुरे हे धनहा भर्री उबड़ खाबड़ बर पीपर के डार ।
गांव के माटी अड़बड़ करिया अच्छा फसल उगाथे तेखर रकबा चार हजार ।।2।।
बीच गांव में दो नाला हे, व्हहोइह मोहरँगिया नाम ।
बड़ निस्तार हवै रे संगी, कई किसम के काम ।।
बाघुल नेवसा बड़े मयारू, छोटे परोसी गांव ।
झाल मुरता हमर मितनहा, तोरा टुरासेमरिया गांव ।।3।।
हमर गांव में बड़े मजकहा, किसम के बात ।
बात बात में हंसी कराथे, ये है सुंदर बात ।।
संगी साथी अउ जहुरिया, अड़बड़ मया जताथे ।
किसम किसम के बात बताथे, हँसत हँसत गोठियाथे ।।4।।
हमर गांव म हर धरम के समान आदार करथे ।
हिंदु मुस्लिम सिक्ख भाई मन गला लगा के मिलथे ।।
मोर गांव के खोर गली है कुंज गली अस लगथे ।
दूर दूर में मंदिर हवै चारो धाम अस लगथे ।।5।।
सड़क मुंगेली बेमेतरा सम्बलपुर छिरहा गांव ।
चारो गांव के बीच में हवै हमर नवागढ़ गांव ।।
इही गांव में उपजेन बाढ़ेन पढ़े लिखे अऊ खेलेंन ।
मोर रामनाथ हे नाम मै नई कर सकौं बरवान ।।6।।

गांव के जुन्ना गोठ

धरनीधर मालगुजार को कहते थे सरकार ।
दीन दुखी अनाथ के सुनते थे पुकार ।।1।।
एक पहर पूजा करै दूसर पहर दरबार ।
खेती पाती नौकर करै दसरथ रहै रखवार ।।2।।
बुटुधर के बैठक में लगे रोज दरबार ।
कथा पुराण सुनावै सब से प्रेम व्यवहार ।।3।।
बावनधर लम्बरदार रहे बाकि हिस्सेदार ।
रकबा में चार हजार लगे चार कोटवार ।।4।
कथा कीर्तन में मन लगावै खुराना सन्तराम सरदार ।
मोहना भंगू साहेबलाल मिल गावै राग मलार ।।5।।
भदहा देवांगन चांग बजावै माधोसिह ढोलक में हुसियार ।
लक्ष्मीदास के भजन प्रभु दास के नाच, तबला में बिजेन्द्र शिवदत्त सितार ।।6।।
हप्ता में दो दिन गुरुवार इतवार ।
आस-पास के लोग सब आते है बाजार ।।7।।
दीवान गुप्ता दुबे मालवीय भाटिया पारा धन रहे अपार ।
आस पास के गौटिया मिल अच्छे करै बिचार ।।8।।
अगर किसी को संकट आते करते थे मददगार ।
सज्जनता यह गांव में भाई अच्छे करै व्यवहार ।।9।।
डेरहा राम रजक ने भाई करै प्रभु से पुकार ।
बारो मास सबेरे उठकर जाते थे हरिद्वार ।।10।।
साव को समझे नही चोर को पकड़े नही चुगलन की इतवार ।
रामनाथ प्रभु कैसे निबहै अँधा धुंध दरबार ।।11।।

अपन सियान गांव के पहचान अब के और तब के

नवागढ़ गोड़वानों का जान, राजा रहे महान ।। टेक ।।
नरहर शाह नाम थे उनके, सुंदर रुप गुण बलवान ।
कीला के निशान दिखत हे, बाकी रहे बीरान ।।
आदि भवानी मानाबन्द में, ठाकुर देव भगवान ।
गांव की रक्षक भैरव बाबा, महावीर हनुमान ।।
जगह जगह तालाब बने है, हर में देव् स्थान ।
मंदिर मस्जिद अरु गुरुद्वारा, हर मजहब का बसे महान ।।
भाईचारा अरु मर्यादा, यही खास पहचान ।
क्या वर्णन मै करौ नवागढ़, जानै सकल जहान ।।
शिर झुका के घुसो शिर झुकाके निकलो, ऐसे मन में ठान ।
चारो दिशा में मंदिर देवाला, धर ले मन में ध्यान ।।
दुर्ग जिला के न्याय पंचायत नयागढ़, प्रथम रहा स्थान ।
ऐसे न्याय करते थे नारायण धर दिवान ।।
साधु पंडित जो कोई आवै, कहै सुनै पुरान ।
भाव सहित सम्मान करै, बुटूधर दिवान ।।
पेटी तबला और मंजीरा, चिकारा से गान ।
बुटेश्वर धर माधोसिंह ठाकुर, पंडित गजानन्द विद्वान् ।।
दूर दूर के रोगी आवै, अपन बचावै प्रान ।
डॉक्टर शर्मा दिवान चौधरी, सुन कर करै निदान ।।
फागुन महीना सुन्दर चौबे, अच्छे करै बखान ।
कानून में बनवारी बाबू, अच्छे रहै सुजान ।।
म.प्र. में नवागढ़ ग्राम पंचायत, तीसरा रहा स्थान ।
अच्छे काम कर दिखाये, ईश्वर धर दिवान ।।
बड़े मजाकी नरहर भंगू, और पदुम को जान ।
धरनीधर बावनधर दिलेसर चौबे, दुर्गादत्त ये थे धनवान ।।
आते जाते मुझे समझाते, पटवारी हिम्मत खान ।
अपन समय के बात बतावै, देवै अच्छा ज्ञान ।।
दसहरा मनाने हमर गांव में, आसपास सब देखन आवै ।
काली बने गैंदलाल जी, महिषासुर बने सुदर्शन अच्छा रोल दिखावै ।।
ज्योतिष में पंडित मथुरा प्रसाद ।
भागवत पुरान में पंडित जगन्नाथ विद्वान् ।।
सीधा में सन्तराम क्रोध में बद्रीप्रसाद सेवा में सुखीराम चौहान ।
बातो में तुकाराम, चुटकिला में गुलाबखांन ।।
फुलझड़ी में अमोलक चन्द, रहीसी में शंकर दत्त को जान ।
वैद में कामता वृंदा गजानन्द शोभराय, शिवलाल नसीब मोहम्मद को जान ।।
संगीत में लक्ष्मीनाथ प्रभुदास मोहना, भंगू शिवदत्त रामगोपाल को जान ।।
पिता हमारे जिलेराम, नाना पुरुषोत्तम जान ।
भजन भाव वह खूब बतावै, अच्छे रहे सुजान ।।
काम बात पर कभी न पीछे, रखे नवागढ़ शान ।
साथी हमारे बड़े सजीले, भोला सरजू और सुभान ।।
काम सिखाये बिपत बहादुर, और गुरु रहमान ।
रामनाथ सन्त संगत कर के, सीखे सब से ज्ञान ।।

22 February 2017

हमर नवागढ़ के महिमा

नवागढ़ लगथे जइसे तीरथ धाम ।
इहें मोर जनम भूमि करत हौ प्रणाम ।।
उत्तर में भैरव बाबा नगर के रखवार ।
दक्षिण में भोले नाथ नगर के डिहवार ।।
पूरब में बूढ़ा महादेव राम-कृष्ण जिव के अधार ।
पश्चिम में शारदा मइया ज्ञान के भंडार ।।
मानाबंद महामाया शक्ति अपार ।
सुरकी तीर महालक्ष्मी अन्न-धन्न भंडार ।।
पंचायत महावीर बल बुद्धि के विशाल ।
हमर सबो काम के जल्दी करत निहाल ।।
नगर बीच श्री गणेश सिद्धि के दाता ।
ठाकुर देव बूढ़ादेव हमर सुख के दाता ।।
गणेश मंदिर तीर शमी वृक्ष शनिदेव जइसे लागत ।
देवता के पूजा बर पाना ल लेगत ।।
पुराना किला मात्र निशान ।
ओही में शिव शारदा विराजमान ।।
जुड़ावन बंद तीर में लक्ष्मीनारायण मूर्ति महान ।
चाँदाबंद पार में शक्ति माता प्रधान ।।
चारो कोती देवी देवता आनंद बरसावत ।
अइसे जगह में हमर में हमर भाग लहलहावत ।।
जगह-जगह सती अउ संत के स्थान ।
देखब में आथे गुरुचरण के निशान ।।
गुरुघासी दास बाबा के बने जैत खाम ।
सतनाम के पुजारी मन करत प्रणाम ।।
मस्जिद में समय-समय में अजान देवत ।
मुस्लिम भाई मन सब से प्रेम निभावत ।।
छोइहा नाला तीर बने गुरुद्वारा ।
सिख्ख भाई मन के लगत दरबारा ।।
सबो कोती तरिया नरवा आम निस्तार ।
रामनाथ बलिहारी जाव अइसे हमर नगर के विस्तार ।।

19 October 2016

नवागढ़ है एक सुन्दर ग्राम, सब देवो के धाम

गीत क्र. 01
नवागढ़ है एक सुन्दर ग्राम, सब देवो के धाम ।।टेक।।
उत्तर भैरव  लक्ष्मी नारायण, दक्षिण शिव के धाम ।।1।।
पूरब में श्री राम कृष्ण है, पश्चिम हनुमत धाम ।।2।।
बीच नगर में श्रीराम गणेश है, शमी वृक्ष परिधाम ।।3।।
देवी देवता जगह जगह में, रामनाथ के ग्राम ।।4।।
गीत क्र. 02
नवागढ़ के रकबा चार हजार ।।टेक।।
बामन लम्बरदार रहै है, बीसन रहे कोटवार ।।1।।
बाइस गांव के मेड़ो जुरे है, कई मिलो के खार ।।2।।
बीच नगर डौ नाला बहे है, छुईहा मुह रगिया धार ।।3।।
सरकारी अधिकारी बहुत है, लगे चार कोटवार ।।4।।
गीत क्र. 03
नवागढ़ है एक तीरथ धाम, जन्म भूमि के ग्राम ।।टेक।।
राधा कृष्ण संग राम जानकी, बूढ़ादेव के धाम ।।1।।
गायत्री शीतला शारदा, महामाया के धाम ।।2।।
महालक्ष्मी शिव उमा बिराजे, हनुमान बल धाम ।।3।।
ठाकुर भैरव आदिशक्ति, लक्ष्मी नारायण के धाम ।।4।।
नित उठ सबो देव को ध्यावौ, रामनाथ मम नाम ।।5।।
गीत क्र. 04
नव गढ़ो का राजा नवगढ़िया, राज चलाईन हे बढ़िया ।।टेक।।
नरपति राजा नवागढ़ वाले, कीला बनाईन वो बढ़िया ।।1।।
गांव सुरक्षा मानबंद से, पार में बइठे महामाया ।।2।।
यहां के राजा बड़े प्रतापी, देवी के भक्त रहे राजा ।।3।।
रानी के नाम थी माना बाई, ओखरे नाम बने तरिया ।।4।।
गीत क्र. 05
चलो हां नवागढ़ आगे महीना फागुन के,
होरी खेलै रसीले ज्वान ।।टेक।।
चलो हां नवागढ़ ढोलक टिमकी बाजत है,
बाजै मंजीरा झांझ ।।1।।
चलो हां नवागढ़ दहकि मडलाही होरी गावै,
मिल गावै झूला राग ।।2।।
गीत क्र. 06
नीक लागे नवागढ़ के फ़ाग हम को नीक लागै ।।टेक।।
बुटूधर के पेटी बाजै, माधोसिंह ढोलक में थाप ।।1।।
बजै चिकारा सुंदर भंगू के, परसोत्तम के फ़ाग ।।2।।
गजानन्द मंजीरा बजावै, केशवसिह के झांझ ।।3।।
रामप्रसाद के टिमकी बजै, पदुम सुखीराम सर्राय ।।4।।
दोहा- रामनाथ के गांव में, बड़े मजे का फ़ाग ।
         साथी हमारे बड़े रँगीले, मिल गावै बढ़िया फ़ाग।।
गीत क्र. 07
टँकरिया नरहर शाह, नवागढ़
झूमर मचा गयो गलियों में ।।टेक।।
चलो हां नवागढ़ बीच शहर मानबंद है,
जह देवो के स्थान ।।1।।
चलो हां नवागढ़ बीच शहर दो नाला है,
जहाँ कीला के दिखै निशान ।।2।।
योग के सम्बन्ध में
भारत को महान बनाना है, जग में नाम बढ़ाना है।
रामदेव बाबा योग गुरु है, सबको निरोगी बनाना है।
गांव गांव में सबसे मिलकर, योग का अलख जगाना है।
सब भाई मिल एक संग रहिबो, भ्रष्टाचार भागना है।
नर नारी सब मिलकर आवो, सबको योग सीखाना है।
भारत वासी सब मिल करके, राष्ट्र को ऊपर उठाना है।
अब्दुल कलाम महावैज्ञानिक, अमनवाहिद का नाम बढ़ाना है।
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