03 March 2017

जन्म भूमि

नवागढ़ बड़ नीक लगथे मोर जन्म भूमि के गांव ।।टेक।।
अड़बड़ तरिया डबरा डिल्वा, देवी देवता के गांव ।
हर पारा में शाला भवन है, पन्द्रह वार्ड के गांव ।।
गांव के बीच में देवी देवता, जगह जगह पघराये ।
गांव के रक्षक सब देवता है, तरिया पार बसाये ।।
बाइस गांव के मेड़ो जुरे हे धनहा भर्री उबड़ खाबड़ बर पीपर के डार ।
गांव के माटी अड़बड़ करिया अच्छा फसल उगाथे तेखर रकबा चार हजार ।।2।।
बीच गांव में दो नाला हे, व्हहोइह मोहरँगिया नाम ।
बड़ निस्तार हवै रे संगी, कई किसम के काम ।।
बाघुल नेवसा बड़े मयारू, छोटे परोसी गांव ।
झाल मुरता हमर मितनहा, तोरा टुरासेमरिया गांव ।।3।।
हमर गांव में बड़े मजकहा, किसम के बात ।
बात बात में हंसी कराथे, ये है सुंदर बात ।।
संगी साथी अउ जहुरिया, अड़बड़ मया जताथे ।
किसम किसम के बात बताथे, हँसत हँसत गोठियाथे ।।4।।
हमर गांव म हर धरम के समान आदार करथे ।
हिंदु मुस्लिम सिक्ख भाई मन गला लगा के मिलथे ।।
मोर गांव के खोर गली है कुंज गली अस लगथे ।
दूर दूर में मंदिर हवै चारो धाम अस लगथे ।।5।।
सड़क मुंगेली बेमेतरा सम्बलपुर छिरहा गांव ।
चारो गांव के बीच में हवै हमर नवागढ़ गांव ।।
इही गांव में उपजेन बाढ़ेन पढ़े लिखे अऊ खेलेंन ।
मोर रामनाथ हे नाम मै नई कर सकौं बरवान ।।6।।
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