बिन पेंदी के लोटा खेलय,
राजनीति के गोंटा,
अठन्नी बनगे खर-खर भईया,
सिक्का होगे खोटा,
जेने बनथे संगी भईया,
उही मसकथे टोंटा,
आस जम्मो छरियागे भईया,
छरियागे सबके पोटा,
खदर-बदर हे विचार ह भईया,
जुच्छा जाही नोटा,
दुआ-भेदी के अंगरा हे भईया,
लूट डरिस जी कोटा,
काजू-मेवा खादी के भईया,
बपरा मन के चरोटा,
बरगे चिक्कन घर हर भईया,
बाँचगे खाली लोटा।
11 November 2018
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