जनता के भलाई के रद्दा अइसन
जइसे नेता के भुरभुरहा आश्वासन,
किसान होगे धकधकहा
अउ पोट-पोट करत हे टूरा,
जनता होगे गर
अउ नेता होगे छूरा,
नेता के गोठ हवय अइसन
जइसे कोकड़ा खाय किरी हे
अवइया पंचवर्षी म जिता दव
तहाँ सब्बो चीज फिरी हे,
घोसना के तब्बल म
किसान के गला ल रेता,
लबरी हवय राजनीति
ढपोल शंख हवय नेता.....
जइसे नेता के भुरभुरहा आश्वासन,
किसान होगे धकधकहा
अउ पोट-पोट करत हे टूरा,
जनता होगे गर
अउ नेता होगे छूरा,
नेता के गोठ हवय अइसन
जइसे कोकड़ा खाय किरी हे
अवइया पंचवर्षी म जिता दव
तहाँ सब्बो चीज फिरी हे,
घोसना के तब्बल म
किसान के गला ल रेता,
लबरी हवय राजनीति
ढपोल शंख हवय नेता.....