उद्देश्य-
इस क्षेत्र में विद्यालय के स्थापना का उददेश्य गरीब,पिछड़े वर्गो,अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजातियों के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराना हैं,ताकि शिक्षित होकर शासन की कल्याणकारी योजनाओं को समझ कर लाभ ले सके व उनका आर्थिक स्तर उन्नत हो सके।
हमारा प्रयास-
आज अन्तर्राष्ठट्रीय प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है, ऐसे में हमें अपने बच्चों को इतना तैयार करना हैं, उस लायक बनाना हैं, जिससे वह भी उस दौड़ में शामिल हो सके,कदम से कदम मिला कर चल सके। इसके लिए हम नये नये विचारों, शोधों, शिक्षण तकनीकों,नवाचारों आदि से विद्यार्थियों को निरंतर परिचित कराते रहते है।
आज अन्तर्राष्ठट्रीय प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है, ऐसे में हमें अपने बच्चों को इतना तैयार करना हैं, उस लायक बनाना हैं, जिससे वह भी उस दौड़ में शामिल हो सके,कदम से कदम मिला कर चल सके। इसके लिए हम नये नये विचारों, शोधों, शिक्षण तकनीकों,नवाचारों आदि से विद्यार्थियों को निरंतर परिचित कराते रहते है।
विद्यार्थियों में प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना, जिससे वे प्रगतिशील बनना हो सके। एक प्रगतिशील शिक्षक ही विद्यार्थियों को प्रगतिशील बना सकता है। पर्याप्त शिक्षक प्रशिक्षण की व्यवस्था करना। सर्वसुविधायुक्त विद्यालय जो आकर्षण का केन्द्र हो साथ ही सुन्दर शैक्षिक वातावरण हो ।
क्योंकि विद्यालय सीखने और सीखाने की प्रकिया को संपन्न करने के लिए एक अन्त: क्रियात्मक संस्थान है,ज़हॉ विद्यार्थियों-शिक्षको और समुदाय की यादे जुड़ी होती है । विद्यालय एक जीवन्त संस्थान है, जहाँ नयी पीढी धीरे-धीरे आकार लेती है तथा उनका भविष्य गढ़ा जाता है ।