गणेश वन्दन गीत
प्रथम गणेश मनाऊं मैं तो, शारद की गुण गाउ।। टेक।।
प्रथम गणेश मनाऊं मैं तो, शारद की गुण गाउ।। टेक।।
गौरी शंकर मात पिता है, चरणों में सिर झुकाऊँ।।1।।
श्याम कार्तिक भाई जिनके, हाथ जोड़ सिर नाउ।।2।।
रिद्धि सिद्धि दोउ चवर ढुलावै, मनवांछित फल पाउ।।3।।
श्याम कार्तिक भाई जिनके, हाथ जोड़ सिर नाउ।।2।।
रिद्धि सिद्धि दोउ चवर ढुलावै, मनवांछित फल पाउ।।3।।
दोहा- नवागढ़ नगर मे, श्री गणेश भगवान।
भाव सहित पूजा करें, उन्हें मिले सम्मान।
भाव सहित पूजा करें, उन्हें मिले सम्मान।
गणेश जी की आरती
हाय रे 2 हमन पहिली मनाबो रे,
गणपति महराजा ला हमन पहिली मनाबो रे ।। टेक।।
माता जाके पारबती,पिता महदेवा रे संगी ।
भाई बड़े हे श्याम कार्तिक, सबो के करबो सेवा ।। 1 ।।
कान हावे सूपा बरोबर, सोढ़ हवै भारी रे संगी ।
पेट जाके जबर हावै, मुसुवा के सवारी ।। 2 ।।
रिद्धि सिद्धि चवर डोलावे, महिंमाहे बड़ भारी रे संगी ।
ज्ञान देवे मुक्ति देवै, सुख देवै बड़ भारी ।।3।।
शारदमाता लक्ष्मी माता, संग गजानन बइठे रे संगी ।
रामनाथ धव अरज करत हे , दोनो हाथ ला जोड़े ।। 4।।
गणपति महराजा ला हमन पहिली मनाबो रे ।। टेक।।
माता जाके पारबती,पिता महदेवा रे संगी ।
भाई बड़े हे श्याम कार्तिक, सबो के करबो सेवा ।। 1 ।।
कान हावे सूपा बरोबर, सोढ़ हवै भारी रे संगी ।
पेट जाके जबर हावै, मुसुवा के सवारी ।। 2 ।।
रिद्धि सिद्धि चवर डोलावे, महिंमाहे बड़ भारी रे संगी ।
ज्ञान देवे मुक्ति देवै, सुख देवै बड़ भारी ।।3।।
शारदमाता लक्ष्मी माता, संग गजानन बइठे रे संगी ।
रामनाथ धव अरज करत हे , दोनो हाथ ला जोड़े ।। 4।।