दो नेता विपरीत दिशा से आ रहे थे,
दोनों अलग-अलग मंच पर,
भाशण देने जा रहे थे,
दोनों की दृष्टि टकराई,
फिर दोनों की गाड़ी पास आई,
एक ने दूसरे से कहा-़’’यार,
हम दानों का दिमाग एक है,
पोशाक एक है, धंधा एक है,
फिर रास्ता कैसे अलग है!’’
दूसरे नेता ने कहा-’यही तो राजनीति है,
जनता ने इसीलिए हम दोनों के,
गले में हार डाला है,
क्योंकि मैं सत्ता में हॅूं,
तू विपक्षी वाला है,
अभी हम दोनों मंच पर जाएंगे,
और भोली-भाली जनता के सामने,
एक-दूसरे को खूब गालियाॅं देंगे,
बदले में जनता की तालियाॅं सुनेंगे,
बाद में दोनों मिलकर,
ठंडई की दुकान पर आइस्क्रीम खाएंगे,
एक-दूसरे को दी हुइ गालियाॅं भूल जाएंगे,
अरे! क्या हुआ जो तू विपक्षी वाला है,
विपक्षी ही सही, तू मेरे,
जीजा के भाई का साला है,
हम दोनों जनता को तमाशा दिखाएंगे,
और जो मिलेगा मिल बाॅंटकर खाएंगे,
यही तो राजनीति है!
अंग्रजों ने ’फूट डालो और
शासन करो की नीति अपनायी थी,
लेकिन ज्यादा दिन,
शासन नहीं कर पायी थी,
यह ’राजनीति’ है!
इस नीति से राज हमेशा चलता है,
ये देश हमारी माॅं है,
इसके सफेदपोष गद्दार बेटे,
इसका बटवारा करें,
यही तो राजनीति है!
देष में हवाला करो,घोटाला करो,
फिर भी मंत्री बने रहो,
यही तो राजनीति है!
पहले स्वयं जनता के पीछे घूमो,
फिर जनता को पीछे घुमाओ,
ऐसे ही, नेताओं की जिंदगी बीती है,
यही तो राजनीति है!
यही तो राजनीति है!!
---------