तुम मानवता किसमें खोज रहे हो?
इन मरे हुए नेताओं में!
या फिर सड़ी हुई ‘राजनीति‘ में
जहां सफेदपोश कीड़े
पद-लोलुपता की गंदगी में
बिलबिला रहे हैं,
ये सफेदपोश तो
दलालों से भी
गये-गुजरे हैं
जो ‘वेश्यालय‘ में
अपनी हीे जन्मदात्री के
आबरू की कीमत लगाते हैं,
आवश्यकता है
राजनीतिक भड़ुवों का
अंतिम संस्कार करने की,
तब मानवता का भी
पुनर्जन्म होगा।
इन मरे हुए नेताओं में!
या फिर सड़ी हुई ‘राजनीति‘ में
जहां सफेदपोश कीड़े
पद-लोलुपता की गंदगी में
बिलबिला रहे हैं,
ये सफेदपोश तो
दलालों से भी
गये-गुजरे हैं
जो ‘वेश्यालय‘ में
अपनी हीे जन्मदात्री के
आबरू की कीमत लगाते हैं,
आवश्यकता है
राजनीतिक भड़ुवों का
अंतिम संस्कार करने की,
तब मानवता का भी
पुनर्जन्म होगा।