जब मैं कहेंव मोर गांव के,
चिखला चन्दन अस आय,
भुइँया म जब लोटबे,
महर महर ममहाय।
कुटहा परे नेता ,
जनता के गारी खाय,
मोर गोठ सुन मुच्मुच्च,
नेता हर मुस्काय,
नेता कहे- मनोजवा,
तोर गोठ सिरतोन ताय,
कईसे पक्की करावं रोड ल,
जब रोड चन्दन आय।।
चिखला चन्दन अस आय,
भुइँया म जब लोटबे,
महर महर ममहाय।
कुटहा परे नेता ,
जनता के गारी खाय,
मोर गोठ सुन मुच्मुच्च,
नेता हर मुस्काय,
नेता कहे- मनोजवा,
तोर गोठ सिरतोन ताय,
कईसे पक्की करावं रोड ल,
जब रोड चन्दन आय।।