13 February 2017

जीना बेकार हे

मरे के बाद घलो गारी खाएस,
त तोर जीना बेकार हे।
जीते जी कखरो मया नई पायेस,
त तोर जीना बेकार हे।
कखरो बड़ाई तो करेच नई हस,
चारी-चुगली म जिनगी बितायेस,
त तोर जीना बेकार हे।
अपनो बर खर्चा नई करेस,
रगड़ा टूटत ले पइसा कमायेस,
त तोर जीना बेकार हे।
जनम लेके घरे म मर गेस,
काठी म घला संगी नई पायेस,
त तोर जीना बेकार हे।।
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