26 July 2024

हया का आफ़ताब

रंगों से चमक नहीं, हया से आफताब दिख रहे हैं, 
न जाने कैसी मजबूरी है, जो ये गुलाब बिक रहे हैं, 
और कलियों को क्या पता, इनकी सुर्खियों के बारे में, 
वे तो अभी नादान हैं, जो इन पर किताब लिख रहे हैं...

10 July 2024

होश नई हे

गलती करत हे तभो दोष नई हे,
नियम कानून घला ठोस नई हे,
गाड़ी आंय बांय कुदावत हे लइका,
दाई ददा ल घला होश नई हे...

01 July 2024

धिक्कार हे

जीयत म तो खाय ल नई पूछे,
दाई बर ये कइसन प्यार हे,
मरे म बम फार के रोवत हस,
तोर जीवन ल धिक्कार हे...

30 June 2024

वक्त की बात है

वक़्त सही है तो,
कैसे कैसे भी खास हो जाते हैं,
वक़्त के उतरते ही,
वे भी इतिहास हो जाते हैं,
इसीलिए कभी भी,
वर्तमान पर गुरुर मत करना,
खुद को अहंकार के,
नशे में चूर मत करना

10 September 2022

देखकर मुड़िए

वाहन चलाते समय, 
नियमों से  जुड़िए,
मुड़ने से पहले
 बाएं और दाएं 
देखकर मुड़िए,
बात बिल्कुल साफ़ 
और सीधी है, 
य़ह रोजमर्रा की
नैतिक गतिविधि है

09 September 2022

वह सुदामा नहीं

वैसी भक्ति नहीं, 
वैसा जामा नहीं, 
नीति में ही चले,
वैसा सामा नहीं, 
कलियुग में द्वापर, 
चला आता पर, 
ध्यान सबका रखे, 
वह सुदामा नहीं

08 September 2022

राजनीति का दामन

आप ऐसे न थे तो, 
अकड़ क्यों लिया, 
आपको आपने ही, 
जकड़ क्यों लिया, 
अभी तो शहर में, 
इज़्ज़त थी तुम्हारी, 
राजनीति का दामन, 
पकड़ क्यों लिया

07 September 2022

प्रेम कुटिया मेरी

प्रेम कुटिया मेरी, 
कोई अटारी नहीं, 
ये है कोमल सा 
शैय्या, कटारी नहीं, 
होते हम भी अमर, 
याद रखते सभी, 
मीरा तुम भी नहीं, 
मैं मुरारी नहीं

24 August 2022

दोहा मुझे शिकायत आप ही

मुझे शिकायत आप ही, 
जन्म लिया बन भार।
परहित तो आता नहीं, 
जीवन है बेकार। ।

22 August 2022

दोहा घंटे भर का कार्यक्रम

घण्टे का है कार्यक्रम,
खर्चा करे करोड़। 
दिव्यांगों को दान कर, 
पुण्य कमाकर जोड़।।

20 August 2022

दोहा लेकर खाना प्लेट में

लेकर खाना प्लेट में, 
खूब दिखाता शान। 
बिन खाये ही फेकता,
होता है अपमान। ।

19 August 2022

दोहा व्यंग्य सड़क

ददा बनाये हे सड़क,
बीचो बीच म रेंग।
गाड़ी मोटर आन दे,
हमरे भर हे नेंग। ।

15 August 2022

मरे के पहिली झन मर

जीवन एक
सरल मंतर ए, 
फेर कंजूसी अउ 
बचत म अन्तर हे,
कोनो दिन 
खटिया म पर जबे, 
का भरोसा रट ले मर जबे, 
तव मरे के पहिली झन मर,
अपन जीयत ले 
दिल खोल के खर्चा कर...

जीते जी सम्मान

हो सके तो
दुखों को हर लीजिए, 
किसी व्यक्ति का जीते जी 
सम्मान कर लीजिए,
क्योंकि संसार तो 
ऐसे ही चलता है पर, 
कोई अपना अपने बीच 
न रहे तो खूब खलता है...
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